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Success Story- बिना कोचिंग खुद के बलबूते पर किया मुकाम हासिल, UPSC परीक्षा में 83वीं रेंक हासिल करने वाली IAS Officer की कहानी

IAS Officer Nidhi Siwach Success Story : मेहनत इतनी करो कि किस्मत भी बोले कि ले बेटा ये तो तेरा हक़ हैं, यह लाइन आईएस ऑफिसर निधि सिवाच जेसी लडकियों के लिए है, जो जी जान लगा कर रात-दिन कड़ी मेहनत करके अपने सपनो को पूरा करती हैं. आईएस ऑफिसर निधि सिवाच (IAS Officer Nidhi Siwach) ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टेडी करके ये मुकाम हासिल किया है.

निधि ने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की, बल्कि 83वी रेंक बना कर आईएस ऑफिसर बनकर अपने परिवार और गाँव का नाम रोशन किया हैं. जरुरी नहीं की कोचिंग क्लास लेकर या फिर और किसी की मदद लेकर ही आप तर्की हासिल कर सकते हो, बल्कि जब मन में ठान ले आसमान की उचाई को छूने की तो खुदके बल पर भी तर्की हासिल कर सकते हैं.

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IAS Officer Nidhi Siwach : हरियाणा क्षेत्रके गुरुग्राम की रहने वाली हैं. निधि मेकेनिकल इंजनियरिंग स्टूडेंट थी, जिसने हेदराबाद की एक कंपनी में करीब दो साल तक नोकरी की, इसके बाद निधि ने नोकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तेयारी में लग गईं.

सेल्फ स्टडी कर बनी अफसर- निधि सिवाच ने आईएस बनने के लिए कभी भी कोचिंग और किसी अन्य की सहायता नही ली, जिस त्तरह एक चींटी बार-बार उपर चड़ने की कोसिस में निचे गिरती रहती है लेकिन फेर भी वह हार नही मानती और हर बार वापस कोसिस करती है अंत में अपनी मंजिल तक पहुच ही जाती है, उसी प्रकार निधि सिवाच के साथ हुआ है. निधि ने यूपीएससी का प्रथम व द्वित्य परीक्षा में असफल रही लेकिन फिर भी हार नही मानी और अपने लक्ष्य पर टिकी रहीं, इसके बाद जब निधि ने तीसरी अटेंप्ट दिया तब निधि को सफलता प्राप्त हुयी. इन सबके बाद निधि का खुशी का ठिकाना नही रहा व पुरे भारत में 83वी रेंक हासिल की.

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निधि ने सभी UPSC स्टूडेंट्स को बहुत अच्छी सलाह दी-

  • आईएस निधि सिवाच का कहना है की कभी भी दिमाग में नेगेटिविटी रख कर स्टडी नही करनी चाहिये, जिसके कारण पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान नही दे पाते.
  • किसी भी कोचिंग सेंटर व किसी और के भरोसे में रह कर पढ़ाई नही करनी चाहिये, क्योंकि जितना हम खुद से स्टडी करते है उतना आचे से कोय हमे नही समझा सकता है.
  • अगर एक बार मुकाम हासिल करने में असफलता मिले तो हार मान कर पीछे नही हटना चाहिये, बल्कि ऐसा सोचना चाहिये गलती कहा हुयी है और फेर उस गलती को सुधारना चाहिये और एक बार फेर प्रयास करने में जरुर सफलता प्राप्त होगी.
  • निधि सिवाच ने आप बीती पूरी बातें बताई है जिसको पढ़ कर कोई बच्चा हार मान कर नही बेठें बल्कि वापस प्रयास करके एक मिसाल बने.

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